सफलता के लिए रणनीति बनाने के साथ उस पर फोकस करना भी जरूरी

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आम तौर पर ऐसा देखा जा रहा है कि युवा देखा देखी में अपने लक्ष्य को प्राप्त करनें के लिए योजना या रणनीति तो जोश जोश में बना लेते हैं लेकिन जब इस पर अमल करने या लागू करने की बारी आती है तो पीछे हट जाते हैं या फिर आधे अधूरे मन से उस कार्य को करते रहते हैं l इससे उनका महत्वपूर्ण और अनमोल समय तो व्यर्थ होता चला जाता है लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाते हैं और फिर अपने को दोष देने के बजाय परिस्थितियों पर दोष देने लगते हैं l यह प्रवृत्ति सिर्फ युवाओं में ही नही बल्कि आम आदमी में भी होती है यह एक वास्तविक और स्वाभाविक आदत होती है l कई बार गलत संगत हो जानें के कारण भी युवा अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं और अपने साथियों के प्रभाव में आकर धीरे धीरे नकारात्मक कार्यों में संलिप्त हो जाते हैं और उन्हें पता नहीं चलता है कि अपने गलत दोस्तों के बीच में आकर अपनी जीवन की प्राथमिकताओं को भूल कर बहुत बड़ी गलती की है जब तक उनको अपनी गलती का अहसास होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है l युवाओं का दौर बहुत ही नाजुक होता है लेकिन थोड़ी सी सावधानी और सजग रहकर युवा अपने लक्ष्यों को साधने के साथ साथ अपने साथियों को भी सही मार्ग पर लाकर उनमें एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव जगा सकते हैं l दोस्तों के बीच अपने लक्ष्यों के बारे में बातचीत करने और उससे संबंधित जानकारी साझा करने से उस लक्ष्य के बारे में ध्यान केंद्रित रहता है और कोई समस्या आती है तो उसका समाधान सभी मिलकर खोजने का प्रयास कर सकते हैं इससे कोई अपने को उस समस्या में अकेला नहीं महसूस करता है इससे उनमें आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और अपने लक्ष्यों के प्रति ज्यादा जागरूक हो जाता है l रणनीति पर अमल करने में मुख्य समस्या लक्ष्यों के चयन में इच्छा या रुचि के विरुद्ध दिल की आवाज सुने बगैर किसी के दवाब या अपेक्षा के कारण उनका मान रखने के लिए उनके चयन पर सहमति जता देते हैं फिर आधे अधूरे मन से उस रणनीति पर काम करने शुरू कर देते हैं l यदि युवा अपने लक्ष्यों को अपने रुचि के अनुसार चयन करते हैं तो उस पर फोकस करने में उनको संतुष्टि मिलती है और उनको उस कार्यों को पूरे मन से करते हैं उसमें कैसे सफलता मिलेगी इस पर विचार करते हैं और रणनीति पर अमल करते हैं l रणनीति पर फोकस करने से आत्मविश्वास पैदा होती है और आत्मविश्वास सफलता की दर को बढ़ा देता है

lसुझाव :–युवाओं को अपने लक्ष्यों का चयन करने में अपने मन की सुनना चाहिए अपनी रुचि या इच्छा को अपने परिवार के साथ साझा करे ताकि उनको भरोसे में लेकर उनको अपनी रुचि के बारे में सही तरीके से बता सके और उन पर अपेक्षाओं का भार हावी न हो पाए l लक्ष्यों पर फोकस करने के लिए एक रोड मैप या खाका इस प्रकार बनाना चाहिए जिससे उसमें सहूलियत के हिसाब से अनुपालन करने में कोई अनावश्यक दबाव महसूस न हों l लक्ष्यों पर फोकस करने के लिए एक रोड मैप या खाका इस प्रकार बनाना चाहिए जिससे उसमें सहूलियत के हिसाब से अनुपालन करने में कोई अनावश्यक दबाव महसूस न हों l लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कोई शॉर्ट कट नहीं होता है इस भ्रम में कभी नहीं रहना चाहिए और पूरी तन्मयता के साथ मेहनत करते हुए अपने लक्ष्यों पर इस तरह ध्यान केंद्रित करे जिस तरह अर्जुन ने मछली के आंख को भेदने के लिए सिर्फ आंख पर ही ध्यान टिकाए हुए थे l

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